देशप्रेम प्रथम या धर्म
भारत ही नहीं पूरा विश्व (अरब देशों को छोड़कर) आज एक ऐसी स्थिति में जहां ज्यादा संख्या में विभिन्न धर्म के लोग एक साथ रहते हैं ।
इस स्थिति में कई प्रकार के टकराव कि संभावना रहती है,हाल ही में फ्रांस में दो आतंकी घटनाएं हुईं , फ्रांस सरकार ने कट्टरवादी इस्लामिक ताकतों से दृढ़ता सेे कार्यवाही की है, जिसे लेकर तुर्की, पाकिस्तान और मलेशिया की सरकार फ्रांस के इस कदम का विरोध करने लगे ।
अब बात आती है भारत की,भारत सरकार की ,भारतीय बहुसंख्यक की ,और भारतीय मुस्लिम की ... कि वो क्या सोचते हैं ..
भारत सरकार और पीएम मोदी फ्रांस में आतंकी घटना की निन्दा की और फ्रांस के साथ खड़े होने की बात की। भारतीय बहुसंख्यक भी फ्रांस के साथ है लेकिन भारतीय मुस्लिम नहीं ,भारतीय मुस्लिम ने भी फ्रांस राष्ट्रपति का विरोध किया। रोड पर फोटो चस्पा कर दी
क्या भारतीय मुस्लिम या विश्व भर का मुस्लिम सिर्फ धर्म देख कर बात करता है ?
इजरायल भारत का सम्बन्ध अच्छा होने के बावजूद भारतीय मुस्लिम इजरायल को दुश्मन मानता है क्यूंकि इजराइल का मुस्लिम बहुल फिलिस्तीन से खराब सम्बन्ध है ।
तुर्की जो आए दिन भारत विरोधी बयान देता है ,उससे भारतीय मुस्लिम को कोई आपत्ती नहीं, आपत्ति होती तो रोड पर प्रदर्शन होता ,कम से कम सोशल मीडिया पर ही जितना इजरायल को कोसते हैं उससे थोड़ा ही कम तुर्की को कोस लेते.. हमने तो नहीं देखा किसी मुस्लिम भाई को तुर्की का विरोध करते (अपवाद हो सकते हैं) ।
इस स्थिति में प्रश्न तो उठता ही है, देशप्रेम प्रथम या धर्म..
@TheIndianMood
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